लेकिन सबसे पहले हम है एक इंसान
किसी हिन्दू ने हिन्दू को काटा
तो किसी को फर्क नहीं पड़ता
मुसलमान ने मुसलमान को काटा
तो भी किसीको फर्क नहीं पड़ता
किसी हिन्दू ने मुसलमान को मारा
तो इस्लाम खतरे में आता है
और मुसलमान ने हिन्दू को मारा
तो हिन्दू खतरे में पड़ जाता है
हिन्दू मुसलमान को शक से देखेगा
और कहेगा गद्दार है साला
मुसलमान हिन्दू को शक से देखेगा
और कहेगा काफिर है साला
हिन्दू है तो सनातन धर्म हमारा
जिसने मानवता की बलि चढ़ा दी है
मुसलमान है तो मजहब हमारा
जिसने इंसानियत की कुर्बानी दी है
मुसलमान ने हिन्दू को परेशान किया तो
क्या हिन्दू खतरे में पड़ गए ?
हिन्दू ने मुसलमान को परेशान किया तो
क्या खून के दाग अच्छे हो गए ?
हां मैं हिन्दू हूं और तू मुसलमान लेकिन
क्या पहले इंसान होना तेरी जिम्मेदारी नहीं है ?